अभिनेता विजय ने कहा कि एक देश एक चुनाव से विपक्ष पूरी तरह खत्म हो जाएगा। डिलिमिटेशन से विपक्ष कमजोर होगा और दक्षिणी राज्यों की स्थिति कमजोर होगी।

अभिनेता से नेता बने विजय ने शनिवार को अपने चुनावी अभियान की शुरुआत की। इस दौरान उन्होंने एक देश, एक चुनाव का विरोध किया। विजय ने कहा कि यह लोकतंत्र को खत्म कर देगा। वहीं, परिसीमन को लेकर उन्होंने कहा कि इससे विपक्ष कमजोर होगा और दक्षिणी राज्यों की स्थिति कमजोर हो जाएगी। हालांकि, तकनीकी खामी के चलते उनके भाषण के शुरुआती कुछ मिनट ही लोगों को सुनाई दिए। इस दौरान उन्होंने कहा कि वह राजनीति में केवल लोगों की सेवा करने के इरादे से आए हैं, धन कमाने के लिए नहीं।
विजय ने कहा कि उनका उद्देश्य तमिलनाडु को भ्रष्टाचार से मुक्त करना तथा विवेकपूर्ण शासन प्रदान करना है। यहां एक रैली संबोधित करते हुए तमिलगा वेत्री कषगम के प्रमुख विजय ने कहा, ‘‘पैसे को लेकर क्या बड़ी बात है? मैंने इसे काफी देख लिया है। क्या मुझे पैसा कमाने के लिए राजनीति में आना चाहिए? कोई जरूरत नहीं है। आपकी सेवा के अलावा मेरा कोई और उद्देश्य नहीं है।’’
20 मिनट के भाषण में सिर्फ 2 मिनट सुन पाए दर्शक
विजय ने प्रचार वाहन से भाषण दिया। हालांकि, ऑडियो समस्याओं के चलते उनके 20 मिनट के भाषण में से केवल एक से दो मिनट का संबोधन ही स्पष्ट रूप से सुनाई दे सका। हजारों की संख्या में जुटे कार्यकर्ताओं, प्रशंसकों और आम लोगों ने ‘विजय, विजय’ के नारे लगाए, जबकि उनका भाषण कुछ टिप्पणियों, शब्दों और बिंदुओं को छोड़कर लगभग समझ से परे था। उन्होंने मुख्यमंत्री एम के स्टालिन के नेतृत्व वाली सरकार को मुश्किल में डालने के लिए कई सवाल उठाने के बाद लोगों से पूछा, “क्या आप द्रमुक को वोट देंगे?”
द्रमुक पर साधा निशाना
विजय का एक प्रमुख आरोप यह था कि द्रमुक सरकार ने 2021 के विधानसभा चुनाव से पहले किए गए अपने वादों को पूरा नहीं किया। उन्होंने अवैध किडनी बिक्री गिरोह को लेकर भी द्रमुक सरकार पर निशाना साधा। दोपहर 3 बजे जब विजय ने अपना भाषण शुरू किया, तो उन्होंने अपनी पहली रैली के लिए तिरुचिरापल्ली को चुनने की वजह बताई। उन्होंने कहा कि यहीं पर द्रविड़ नेता और द्रमुक के संस्थापक सीएन अन्नादुरै ने 1956 में चुनावी मैदान में उतरने का फैसला किया था। यहीं पर अन्नाद्रमुक के संस्थापक एम जी रामचंद्रन ने 1972 में अपनी पार्टी की स्थापना के बाद 1974 में अपना पहला राज्य सम्मेलन आयोजित किया था।
तिरुचिरापल्ली तमिलनाडु की राजनीति में अहम
तिरुचिरापल्ली सांप्रदायिक सद्भाव के लिए भी प्रसिद्ध है और तर्कवादी नेता ‘पेरियार’ ई.वी. रामासामी भी यहीं रहते थे। प्राचीन काल में युद्धभूमि में जाने से पहले, राजा अपने कुलदेवताओं की पूजा करते थे। विजय ने बताया कि ठीक वैसे ही, वह भी तिरुचिरापल्ली की यात्रा पर आए हैं। उन्होंने कहा कि तिरुचिरापल्ली में जब भी कोई राजनीतिक पहल शुरू होती है, वह अंततः एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित होती है। इस बीच, पार्टी ने स्वीकार किया कि तकनीकी खराबी के कारण ऑडियो संबंधी समस्याएं आईं। टीवीके ने कहा कि इस समस्या का समाधान कर लिया गया है और अब पार्टी प्रमुख का भाषण स्पष्ट रूप से सुना जा सकेगा। सफेद कमीज पहने विजय ने प्रचार बस की छत पर एक मंच जैसे ढांचे से अपना भाषण दिया। इस दौरान कार्यकर्ता लगातार पार्टी के झंडे लहराते रहे।