हॉकी एशिया कप 2025 की शुरुआत 29 अगस्त से हो रही है और इसके लिए भारतीय स्क्वाड की घोषणा पहले ही हो चुकी है।

भारत का राष्ट्रीय खेल हॉकी है और पिछले कुछ समय से हॉकी टीम ने बहुत ही अच्छा प्रदर्शन किया है। भारत ने पिछले दो ओलंपिक में हॉकी में ब्रॉन्ज मेडल अपने नाम किए हैं। इसी वजह से उसका पुराना रुतबा लौटता दिखाई दिया। अब भारत में होने वाले हॉकी एशिया कप 2025 से भी टीम को बड़ी उम्मीदें हैं। क्योंकि यहां पर जीतने वाली टीम वर्ल्ड कप के लिए क्वालीफाई कर लेगी। भारतीय हॉकी टीम के स्क्वाड का ऐलान हो चुका है और इसमें कप्तानी की जिम्मेदारी हरमनप्रीत सिंह को मिली है।
भारतीय टीम के पास मौजूद हैं अनुभवी प्लेयर्स
भारतीय हॉकी टीम के पास हरमनप्रीत सिंह, अमित रोहिदास, जरमनप्रीत सिंह, सुमित और जुगराज सिंह जैसे डिफेंडर मौजूद हैं। ये प्लेयर्स अनुभवी हैं और विरोधी टीम को रोकने में माहिर हैं। इनके रहते गेंद निकलना बहुत ही मुश्किल है। वहीं गोल करने के लिए भारत के पास मनदीप सिंह, सुखजीत सिंह, दिलप्रीत सिंह और अभिषेक जैसे फॉरवर्ड प्लेयर्स हैं, जो गोल करने में एक्सपर्ट हैं। मनदीप विरोधी टीम से गेंद छीनने और भारतीय हॉकी टीम को बढ़त दिलाने में माहिर हैं। दूसरी तरफ भारत के पास राज कुमार पाल और हार्दिक सिंह और मनप्रीस सिंह जैसे प्लेयर्स हैं। हमनप्रीत पेनाल्टी कॉर्नर पर गोल करने के लिए जाने जाते हैं और कोई भी मौका चूकते नहीं हैं।
एकजुट होकर खेलना ही टीम की ताकत: कोच फुल्टन
भारतीय टीम के मुख्य कोच क्रेग फुल्टन ने कहा कि हमने ऐसी टीम चुनी है, जो दबाव की परिस्थितियों में भी अच्छा प्रदर्शन कर सकती है। हमारे पास ऐसे प्लेयर्स हैं, जिनमें धैर्य, लचीलापन और अच्छा प्रदर्शन करने का हुनर शामिल हो। हमारे पास हर लाइन में लीडर्स मौजूद हैं। मुझे लगता है कि जिस तरह से यह टीम एकजुट होकर खेलती है, वह हमारी सबसे बड़ी ताकत होगी।
भारतीय टीम को आखिरी समय में गोल खाने से बचना होगा
भारतीय हॉकी टीम ने पेरिस ओलंपिक 2024 में ब्रॉन्ज मेडल अपने नाम किया था। इसके बाद महान गोलकीपर पी आर श्रीजेश ने संन्यास का ऐलान कर दिया था। उन्होंने अपने दम पर भारतीय टीम को कई मैच जिताए थे और कई ऐसे गोल बचाए, जिनकी याद आज भी फैंस के मन में ताजा है। अब उनके संन्यास के बाद हॉकी एशिया कप 2025 में भारतीय टीम के लिए गोलकीपिंग की जिम्मेदारी कृष्ण बी पाठक और सूरज करकेरा संभालेंगे। लेकिन इन दोनों प्लेयर्स को दबाव में खेलने का इतना अनुभव है और ये हमेशा ही श्रीजेश जैसे बड़े प्लेयर्स की छाया में ही रहे। हॉकी एशिया कप के लिए भारतीय टीम का गोलकीपिंग पक्ष थोड़ा कमजोर है। इसके अलावा भारतीय टीम आखिरी समय पर गोल खाती रही है। उससे इस समस्या से भी निजात पाना होगा।