यूपी बेसिक शिक्षा विभाग के सेवारत शिक्षकों के लिए TET की अनिवार्यता पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश का रिवीजन दाखिल करने का विभाग को सीएम योगी आदित्यनाथ ने निर्देश दिया है।

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बेसिक शिक्षा विभाग के सेवारत शिक्षकों के लिए TET की अनिवार्यता पर उच्चतम न्यायालय के आदेश का रिवीजन दाखिल करने का विभाग को निर्देश दिया है। सीएम योगी ने कहा है कि प्रदेश के शिक्षक अनुभवी हैं और समय-समय पर सरकार द्वारा उन्हें प्रशिक्षण प्रदान किया जाता रहा है, ऐसे में उनकी योग्यता और सेवा के वर्षों को नजरअंदाज करना उचित नहीं है।
बता दें कि हाल में ही सर्वोच्च न्यायालय ने अपने आदेश में कहा था कि टीचर्स एलिजिबिलिटी टेस्ट (TET) पास करना सभी नए शिक्षकों और पहले से नौकरी कर रहे उन शिक्षकों के लिए अनिवार्य होगा, जो प्रमोशन चाहते हैं। कोर्ट ने साफ कहा था कि अगर कोई शिक्षक नई नौकरी या फिर प्रमोशन चाहता है, तो टीईटी पास किए बिना उसका कोई भी दावा सही नहीं माना जाएगा।
5 वर्ष से कम सेवा वाले शिक्षकों को राहत
जस्टिस दीपांकर दत्ता और जस्टिस मनमोहन की बेंच ने कहा था कि जिन टीचर्स की नौकरी 5 वर्ष से कम बची है, उन्हें टीईटी पास करने की आवश्यकता नहीं होगी। वो रिटायरमेंट तक नौकरी पर बने रह सकते हैं। हालांकि, अगर ऐसे शिक्षक प्रमोशन लेना चाहते हैं, तो उनके लिए टीईटी पास करना अनिवार्य होगा।
टीईटी पास करने के लिए 2 वर्ष की मोहलत
कोर्ट ने यह भी निर्देश दिया था कि जो शिक्षक शिक्षा का अधिकार कानून (2009) लागू होने से पहले नियुक्त हुए हैं और जिनके पास 5 साल से ज्यादा सेवा शेष है, उन्हें दो साल के अंदर टीईटी पास करना ही होगा। यदि वे ऐसा नहीं कर पाए, तो उन्हें नौकरी से हाथ धोना पड़ेगा। ऐसे टीचर्स को केवल टर्मिनल बेनिफिट्स ही मिलेंगे।