रायबरेली सिटी मजिस्ट्रेट कोर्ट का बड़ा फैसला, परिवहन निगम को विवादित जमीन पर 70 साल बाद मिला कब्जा

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रायबरेली में नगर मजिस्ट्रेट ने बस स्टैंड की जमीन से कब्जा हटाने के आदेश दिए हैं. 24 दुकानदारों पर एक-एक लाख का जुर्माना.रायबरेली : बस स्टेशन की चारदीवारी पर कब्जा कर दुकान बनाने वालों को कोर्ट से झटका लगा है. नगर मजिस्ट्रेट की कोर्ट ने कब्जेदारों पर एक-एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया है. बता दें, करीब 70 साल से परिवहन निगम की जमीन पर अवैध कब्जा था. अब बस स्टैंड के सुंदरीकरण का रास्ता साफ हो गया है अतिक्रमण के कारण निगम यहां यात्रियों के लिए कोई निर्माण नहीं करा पा रहा था. बसों को खड़ा करने के लिए भी पर्याप्त स्थान नहीं था. कोर्ट ने अवैध कब्जेदारों पर एक लाख रुपए जुर्माना लगाने के साथ ही अपनी जमीन पर कब्जा करने का आदेश दिया हैसिटी मजिस्ट्रेट राम अवतार की कोर्ट ने 24 दुकानदारों के खिलाफ आदेश जारी किया है. 1954 में बस स्टेशन के निर्माण के लिए राजकीय अभिलेखों में दर्ज सदर तहसील के भीकमपुर गांव की भूमि अधिग्रहीत की गई थी. अधिग्रहण के बाद इस भूमि को बस स्टेशन के निर्माण के लिए निगम को दे दिया गया थाबस स्टैंड निर्माण के बाद बची जमीन पर भूमि मालिक ने अनाधिकृत रूप से लोगों को दुकान बनवाकर व्यवसाय करने की अनुमति दे दी. 24 दुकानें यहां संचालित हैं. निगम ने भूस्वामियों को 26 फरवरी 2008 को नोटिस दिया था. नोटिस देने के बाद न तो अवैध निर्माण हटवाए गए और न ही भूमि पर निगम को कब्जा दिया गया. इसके बाद मामला सिटी मजिस्ट्रेट की कोर्ट पहुंच गयासिटी मजिस्ट्रेट राम अवतार ने बताया कि 22 मुकदमे उनकी कोर्ट में दर्ज थे. मूलतः गाटा संख्या 163/64 परिवार विवाद की एक जमीन थी. इसमें अवैध रूप से दुकानें बनी हुई थीं, जिन्हें बेदखली का आदेश पारित किया गया है. यह बस अड्डे के पास ग्राम भिखापुर के पास का एरिया है

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