China ने दुनिया का सबसे बड़ा न्यूरोमॉर्फिक सुपकंप्यूटर चिप Darwin Monkey पेश किया है। यह चिप मशीनों को इंसानों जैसी समझ पैदा करने में सक्षम है। इसे चीन के झेजियांग यूनिवर्सिटी के साइंटिस्ट ने तैयार किया है।

चीन ने एक बार फिर से दुनिया को टेक्नोलॉजी और इनोवेशन का दम दिखा दिया है। चीन के झेजियांग यूनिवर्सिटी के साइंटिस्ट ने दुनिया का सबसे बड़ा न्यूरोमॉर्फिक सुपरकंप्यूटर डार्विन मंकी पेश किया है। यह सुपरकंप्यूटर चिप इंसान के दिमाग की तरह काम कर सकता है। रिपोर्ट के मुताबिक, इसमें 2 बिलियन आर्टिफिशियल न्यूरोन्स और 100 बिलियन से ज्यादा सिनेप्सेस है। ये इसे इंसानों की तरह सोचने और काम करने की क्षमता देता है।
मशीन में इंसानों जैसी समझ
झेजियांग यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों का कहना है कि यह आर्टिफिशियल जनरल इंटेलिजेंस (AGI) के क्रिटिकल दिक्कतों को दूर करके मशीन को और स्मार्ट बनाएगा। साथ ही, इमसमें ह्यूमन इंटेलिजेंस और जनरल सेंस जैसी क्षमताएं हैं। दुनिया के सबसे बड़े सुपरकंप्यूटर चिप का आर्किटक्चर इस तरह तैयार किया गया है कि यह बायोलॉजिकल ब्रेन यानी इंसानी दिमाग की तरह कम्युनिकेट कर सकता है। इसमें कंटिन्यूअस बाइनरी स्टेट्स को हैंडल करने की क्षमता है, जिसकी वजह से डेटा को लगातार प्रोसेस करने के साथ-साथ एनर्जी को भी सेव किया जा सकता है।
कम एनर्जी पर बेहतर काम
इस चिप को बनाने वाले वैज्ञानिकों का कहना है कि यह महज 2000W की एनर्जी पर काम कर सकता है। इस नए न्योरोमॉर्फिक चिप को चीन के झेजियांग यूनिवर्सिटी के झेजियांग लैब में तैयार किया गया है। इस चिप को बनाने में चीन के अलीबाबा ग्रुप ने निवेश किया है। यह चिप लॉजिकल थिंकिंग, मैथमैटिकल प्रॉब्लम सॉल्विंग और कंटेंट क्रिएशन में कामगार साबित होगा। यह आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस सेक्टर के लिए एक वरदान साबित हो सकता है। इसका इस्तेमाल मशीनों को इंसानों जैसी समझ को डेवलप करने के लिए तैयार किया गया है, जो इंसानी दिमाग के समकक्ष कार्य करने की क्षमता रखता है।
चीन 2020 से ही न्यूरोमॉर्फिक चिप में इन्वेस्ट कर रहा है। पहले Darwin Mouse डेवलप किया गया, जिसमें 120 मिलियन आर्टिफिशियल न्यूरॉन्स का इस्तेमाल किया गया। यह नया न्यूरोमॉर्फिक सुपरकंप्यूटर चिप 2 बिलियन आर्टिफिशियल न्यूरॉन्स और 100 बिलियन से ज्यादा सिनैप्सेस से लैस है।