क्या घर के मुख्य द्वार पर मनी प्लांट रख सकते हैं? जानें क्या कहता है वास्तु शास्त्र

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वास्तु शास्त्र के अनुसार मनी प्लांट को घर में रखने से बरकत आती है। हालांकि, इससे जुड़े नियमों का पालन करने पर ही आपको सकारात्मक परिणाम मिलते हैं। आइए ऐसे में जान लेते हैं कि वास्तु से जुड़ी किन नियमों का पालन घर में मनी प्लांट रखते समय करना चाहिए।

घर में कई लोग मनी प्लांट लगाते हैं। इस पौधे को घर में इसलिए लगाया जाता है कि धन की कमी घर में कभी पैदा न हो। हालांकि वास्तु के नियमों के अनुसार अगर इस पौधे को घर में न रखा जाए तो इससे लाभ की जगह आपको हानि भी हो सकती है। इसलिए आज हम आपको बताने वाले हैं कि, घर में मनी प्लांट रखते समय आपको किन वास्तु नियमों का पालन करना चाहिए। 

मनी प्लांट को घर में रखने के वास्तु नियम

  • वास्तु शास्त्र के अनुसार मनी प्लांट को उत्तर दिशा में रखना शुभ होता है। अगर मुख्य द्वार इस दिशा में हो तो वहीं आपको मनी प्लांट लगाना चाहिए। अगर इस दिशा में मुख्य द्वार न हो तो घर की उत्तर दिशा वाली खिड़की या दरवाजे के पास भी आप मनी प्लांट रख सकते हैं। 
  • मनी प्लांट को घर में लगाते समय इस बात का ख्याल रखें की उसकी बेल ऊपर की ओर जाए। इसके लिए उचित व्यवस्था आपको मनी प्लांट के पास करनी चाहिए। 
  • गलती से भी मनी प्लांट के मुरझाने के बाद इसको घर में न रखें ऐसा करने से धन की बर्बादी हो सकती है।

मनी प्लांट को क्या मुख्य द्वार पर रख सकते हैं? 

जी हां! मनी प्लांट को घर के मुख्य द्वार पर रखने में कोई खराबी नहीं है। वास्तु के अनुसार घर के मुख्य द्वार पर रखा मनी प्लांट घर में बरकत लाता है। हालांकि द्वार की उत्तर दिशा की ओर ही इसे रखें। साथ ही इस बात का ध्यान रखें कि मनी प्लांट के आस पास जूते-चप्पल, कूड़ा आदि न हो। ऐसा करने से मनी प्लांट की सकारात्मक ऊर्जा खराब हो सकती है। 

मनी प्लांट लगाने के शुभ परिणाम 

मनी प्लांट लगाने से न केवल आपके घर में धन की बरकत होती है, बल्कि सकारात्मक ऊर्जा भी आपके जीवन में आती है। साथ ही मनी प्लांट के सकारात्मक प्रभाव से आपके जीवन की कई परेशानियां भी दूर हो सकती हैं। मनी प्लांट को घर में रखने से घर के लोगों की मानसिकता और स्वास्थ्य पर भी अच्छा प्रभाव देखने को मिलता है। हालांकि, इसे लगाते से वास्तु के नियम का पालन आपको हमेशा करना चाहिए। 

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है।

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