मणिपुर में पंचायत चुनाव को लेकर हाईकोर्ट ने अहम टिप्पणी की है। हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को 6 महीने के अंदर पंचायत चुनाव कराने का निर्देश दिया है।

मणिपुर हाई कोर्ट ने शुक्रवार को राज्य सरकार को छह महीने के भीतर पंचायत चुनाव कराने का निर्देश दिया। यह आदेश मुख्य न्यायाधीश केम्पैया सोमशेखर और न्यायमूर्ति गुणेश्वर शर्मा की खंडपीठ ने लंबे समय से लंबित स्थानीय निकाय चुनावों पर सुनवाई के दौरान जारी किया। बता दें कि राज्य में पंचायत चुनाव आखिरी बार 2017 में हुए थे। हालांकि पांच साल का कार्यकाल पूरा होने के बाद जून 2023 में नए चुनाव होने थे, लेकिन वे लंबित रहे। तब से, पंचायती राज संस्थाएं प्रशासनिक समितियों के माध्यम से कार्य कर रही हैं।
हाई कोर्ट ने अपनी सुनवाई में कहा, ‘‘मणिपुर में पंचायती राज व्यवस्था को सुचारू बनाने के लिए, राज्य सरकार को ग्राम पंचायत के लिए नई प्रशासनिक समिति और जिला परिषद के लिए प्रशासक नियुक्त करने की स्वतंत्रता दी गई है, जो छह महीने से अधिक अवधि के लिए नहीं हो।’’ न्यायालय ने प्रशासनिक समितियों की नियुक्ति के राज्य सरकार के सभी पूर्व आदेशों को भी रद्द कर दिया।
राज्य सरकार को दिए निर्देश
हाई कोर्ट ने कहा, ‘‘ग्राम पंचायत की प्रशासनिक समिति और जिला परिषद के लिए प्रशासक की नियुक्ति के सभी आदेश, जो राज्य सरकार द्वारा 29.02.2024 के अंतरिम आदेश के अनुसरण में 6 (छह) महीने से अधिक की अवधि के लिए और चुनाव होने तक जारी किए गए थे, रद्द किए जाते हैं।’’ न्यायालय ने कहा, ‘‘राज्य सरकार को छह महीने की अवधि के भीतर नए चुनाव कराने का निर्देश दिया जाता है।’’
कांग्रेस ने की नए सिरे से चुनाव की मांग
वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस सांसद सप्तगिरि शंकर उलाका ने मणिपुर में नए सिरे से चुनाव की मांग की है। उन्होंने गुरुवार को कहा कि पार्टी राज्य में शांति और भाईचारे की वापसी चाहती है। वह इंफाल में ‘वोट चोर, गद्दी चोर’ की राज्य स्तरीय रैली को संबोधित कर रहे थे। कांग्रेस के मणिपुर मामलों के प्रभारी उलाका ने कहा, “हम यहां यह रैली इसलिए कर रहे हैं ताकि आपको पता चले कि देश में क्या हो रहा है। कांग्रेस पार्टी, हमारे नेता राहुल गांधी यह सुनिश्चित करेंगे कि संविधान में निहित लोकतंत्र की रक्षा हो।”
सांसद सप्तगिरि शंकर उलाका ने कहा कि 60 सदस्यीय मणिपुर विधानसभा में भाजपा और उसके सहयोगियों के पास 55 विधायक होने के बावजूद राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाया गया है। उन्होंने कहा, “हमारी मांग सरल है। हम मणिपुर में नए सिरे से चुनाव चाहते हैं, जहां लोग अपनी सरकार चुनेंगे और मुद्दों का समाधान करेंगे। फिलहाल कोई समाधान नहीं है, कोई शांति नहीं है। हम मणिपुर के साथ खड़े रहेंगे और राज्य में शांति और भाईचारा वापस लाना सुनिश्चित करेंगे।”