अमेरिका-भारत में टैरिफ पर 36 का आंकड़ा, जापान में पीएम मोदी से मिले 16 गवर्नर; आगे है 56 इंच का दम

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अमेरिका के भारी-भरकम टैरिफ के आगे भारत झुकेगा नहीं, बल्कि पीएम मोदी ने दुनिया के अपने भरोसेमंद साझेदार देशों के साथ इसका नया विकल्प तलाशना शुरू कर दिया है। ऐसे वक्त में पीएम मोदी के जापान दौरे से अमेरिका को चिंता होने लगी है।

तोक्यो: अमेरिका के साथ चल रहे भीषणतम टैरिफ और ट्रेड वार के बीच प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के जापान दौरे ने वाशिंगटन तक में हलचल पैदा कर दी है। जापान के साथ होने वाली हर ट्रेड डील समेत दूसरे सभी तरह के समझौतों पर अमेरिका की पैनी नजर है। भारत अमेरिका के टैरिफ का जवाब देने के लिए जापान जैसे साझेदारों के साथ नया विकल्प तलाश रहा है। इस क्रम में शनिवार को तोक्यो में जापान के 16 प्रांतों के गवर्नरों ने जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की…और इस दौरान भारत-जापान विशेष रणनीतिक एवं वैश्विक साझेदारी के तहत ‘राज्य-प्रांत सहयोग’ को मजबूत किए जाने का आह्वान किया तो अमेरिका भी चकरा गया। 

अमेरिका से 36 के आंकड़ों के बीच 56 इंच का दम

ट्रेड पर अमेरिका के साथ 36 के आंकड़ों के बीच भारत के 56 इंच सीने का दम दिखाने की फेहरिस्त में जापान के 16 गवर्नर तो सिर्फ पहली कड़ी हैं। अभी पूरी पिक्चर आगे बाकी है। क्योंकि इस बीच भारत चीन से लेकर ब्रिक्स से जुड़े देशों समेत एशिया से लेकर अफ्रीका और अरब तक नए बाजार की तलाश में जुट गया है। भारत और पीएम मोदी का यही कदम डोनाल्ड ट्रंप को परेशान कर रहा है। अब अमेरिका को भी धीरे-धीरे यह बात समझ आने लगी है कि पीएम मोदी झुकने वाले नहीं हैं, बल्कि वह आपदा में अवसर तलाशने के माहिर विशेषज्ञ हैं।

16 जापानी गवर्नरों के साथ पीएम मोदी की क्या हुई बात?

प्रधानमंत्री मोदी ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘तोक्यो में आज सुबह जापान के 16 प्रांतों के गवर्नर के साथ बातचीत की। राज्य-प्रांत सहयोग भारत-जापान मैत्री का एक महत्वपूर्ण स्तंभ है। यही कारण है कि कल 15वें वार्षिक भारत-जापान शिखर सम्मेलन के दौरान इस पर अलग से एक पहल की गई।’’ उन्होंने कहा, ‘‘व्यापार, नवोन्मेष, उद्यमिता आदि क्षेत्रों में सहयोग की अपार संभावनाएं हैं। ‘स्टार्टअप’, प्रौद्योगिकी और एआई (कृत्रिम मेधा) जैसे भविष्योन्मुखी क्षेत्र भी लाभकारी हो सकते हैं।’’ 

विदेश मंत्रालय ने दिया ब्यौरा

भारतीय विदेश मंत्रालय ने भी मोदी एवं जापानी प्रांतों के गवर्नर के बीच बातचीत की विस्तृत जानकारी देते हुए सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘भारत-जापान के मजबूत संबंधों को और सुदृढ़ करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने तोक्यो में 16 प्रांतों के गवर्नर से मुलाकात की। इस दौरान प्रधानमंत्री ने भारत के राज्यों और जापान के प्रांतों के बीच सहयोग की संभावनाओं पर प्रकाश डाला और साझा प्रगति के लिए 15वें भारत-जापान वार्षिक शिखर सम्मेलन के दौरान इस संबंध में शुरू की गई राज्य-प्रांत साझेदारी पहल के तहत कदम उठाए जाने का आग्रह किया।

व्यापार से लेकर नव प्रौद्योगिकी, नवोन्मेष और स्टार्ट-अप का साथी बनेगा जापान

विदेश मंत्रालय ने बताया कि गवर्नरों के साथ चर्चा में प्रौद्योगिकी, नवोन्मेष, निवेश, कौशल, ‘स्टार्ट-अप’ और लघु एवं मध्यम उद्यमों के क्षेत्र में भारतीय राज्यों एवं जापानी प्रांतों के बीच बढ़ती साझेदारी को और गहरा करने के तरीकों पर ध्यान केंद्रित किया गया। पीएम मोदी ने अपने संबोधन में इस बात पर जोर दिया कि सदियों पुराने सभ्यतागत संबंधों पर आधारित भारत-जापान संबंध निरंतर मजबूत हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है कि तोक्यो और नई दिल्ली पर परंपरागत रूप से ध्यान केंद्रित करने से आगे बढ़कर राज्य-प्रांत संबंधों को नए सिरे से बढ़ावा दिया जाए। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि राज्य-प्रांत साझेदारी पहल व्यापार, प्रौद्योगिकी, पर्यटन, कौशल, सुरक्षा और सांस्कृतिक आदान-प्रदान में सहयोग को बढ़ावा देगी। 

जापान को मिलेगा भारत का टैलेंट

प्रधानमंत्री ने जापान के विभिन्न प्रांतों के गवर्नर और भारतीय राज्य सरकारों से विनिर्माण, गतिशीलता, अगली पीढ़ी के बुनियादी ढांचे, नवोन्मेष, ‘स्टार्ट-अप’ और लघु व्यवसायों में सहयोग को मजबूत करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि प्रत्येक जापानी प्रांत की आर्थिक एवं प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में अपनी अलग ताकत है और भारतीय राज्यों की अपनी अनूठी क्षमताएं हैं। प्रधानमंत्री ने जापानी प्रांतों के गवर्नर एवं भारत के राज्यों को भारत की विकास गाथा में योगदान देने के लिए आमंत्रित किया। विदेश मंत्रालय ने कहा कि मोदी ने युवाओं और कौशल के आदान-प्रदान में संयुक्त प्रयासों एवं जापानी प्रौद्योगिकी को भारतीय प्रतिभा के साथ बेहतर ढंग से जोड़ने का भी आह्वान किया। मंत्रालय के अनुसार, जापान के विभिन्न प्रांतों के गवर्नर ने कहा कि द्विपक्षीय व्यापार, शैक्षणिक, सांस्कृतिक और लोगों के बीच आपसी संबंधों को अगले स्तर तक ले जाने के लिए उप-राष्ट्रीय सहयोग महत्वपूर्ण है।

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