रूस के खिलाफ जंग में यूक्रेन ने अपने सैनिकों की सुरक्षा के लिए बड़ा कदम उठाया है। यूक्रेनी सैनिक ऐसे वाहनों का उपयोग कर रहे हैं जो कई तरह के काम करने में सक्षम हैं।

Russia Ukraine War: रूस और यूक्रेन के बीच जंग जारी है। जंग के दोनों ओर से लगातार हमले किए जा रहे हैं। इस बीच यूक्रेन ने अपने सैनिकों की सुरक्षा के लिए बड़ा कदम उठाया है। घातक रूसी ड्रोन्स और हमलों से बचने के लिए अब यूक्रेनी सैनिक रिमोट-नियंत्रित बख्तरबंद वाहनों का इस्तेमाल कर रहे हैं जो कई तरह के काम करने में सक्षम हैं। ये वाहन सैनिकों को संभावित जानलेवा हमलों से बचा सकते हैं।
क्यों है यूक्रेन में सैनिकों की कमी
गौर करने वाली बात यह है कि पिछले साढ़े तीन साल से ज्यादा समय से जारी जंग में यूक्रेन सैनिकों की भारी कमी का सामना कर रहा है। यूक्रेन में सैनिकों की कमी इस वजह से है क्योंकि जंग में उसके हजारों सैनिक मारे जा चुके हैं। भारी संख्या में लोगों ने पलायन भी किया है जिससे समस्या बढ़ी है। ऐसे में अब यूक्रेनी सेना खासतौर पर ऐसे वाहनों को लेकर उत्सुक है जिन्हें सैनिक ‘रोबोट ऑन व्हील्स’ कहते हैं। ये वाहन छोटे टैंकों जैसे दिखते हैं और रसद पहुंचा सकते हैं, बारूदी सुरंगें साफ कर सकते हैं और घायलों या मृतकों को निकाल सकते हैं। जंग में रोबोट वाहन के इस तरह के उपयोग से सैनिकों की जान बचाई जा सकती है और कई मौकों पर इनसे काम आसानी से पूरे किए जा सकते हैं।
क्यों सैनिकों की जगह नहीं ले सकते रोबोट वाहन?
‘मियामी’ नाम से मशहूर 20वीं ल्यूबार्ट ब्रिगेड के एक प्लाटून कमांडर ने सैन्य नियमों का हवाला देते हुए नाम नहीं जाहिर करने की शर्त पर बताया, ‘‘यह पूरी तरह से सैनिक की जगह नहीं ले सकता है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मैं इसे इस तरह कहूंगा कि एक इंसान वहां जा सकता है, लेकिन एक इंसान के लिए यह (कभी-कभी) बहुत खतरनाक होता है।’’ जाहिर है कि जंग के दौरान कई ऐसे मिशनों को अंजाम देना पड़ता है जिन्हें इंसान (सैनिक) ही पूरा कर सकते हैं, जैसे माइन्स बिछाना, घात लगाना, स्नाइपर की तैनाती, दुश्मन के इलाके में रेकी। ऐसे मिशनों को अंजाम देने के लिए रोबोटिक वाहनों का उपयोग नहीं किया जा सकता है। ऐसे में ये वाहन उपयोगी तो हो सकते हैं लेकिन पूरी तरह से सैनिकों की जगह नहीं ले सकते हैं।
यूक्रेनी सैनिकों के लिए क्यों अहम है रोबोट वाहन?
ये खास रोबोटिक वाहन ज्यादातर यूक्रेनी कंपनियों द्वारा बनाए जाते हैं और इनकी कीमत उनके आकार और क्षमताओं के आधार पर लगभग 1,000 अमेरिकी डॉलर से लेकर 64,000 अमेरिकी डॉलर तक होती है। इस तरह के वाहन 1,000 किलोमीटर की अग्रिम पंक्ति पर तैनात यूक्रेनी सैनिकों के लिए महत्वपूर्ण हो गए हैं। इन वाहनों की तैनाती से यूक्रेनी सैनिकों की जान बच सकेगी साथ ही इन्हें मेटेंन करना भी आसान होगा क्योंकि ये वाहन यूक्रेन में ही बने होंगे। इसके अलावा देश में बनने की वजह से इनकी कीमत भी कम है।
जानें, रूस के पास किस तरह के रोबोट वाहन हैं?
जंग में ऐसे वाहन कोई नई बात नहीं है। द्वितीय विश्व युद्ध में जर्मनी की सेना ने ऐसे ही रिमोट नियंत्रित छोटे टैंकों का इस्तेमाल किया था, जिसे गोलिएथ कहा जाता है। रूसी सेना भी रिमोट नियंत्रित वाहनों का इस्तेमाल करती है। रूस की सेना में कई प्रकार के रोबोटिक वाहनों का इस्तेमाल किया जाता है, जिनका मकसद जंग के दौरान सैनिकों की जान बचाना और दुश्मन पर बढ़त हासिल करना है। इनमें सबसे खास उरान-9 है: उरान-9 रूस का सबसे शानदार कॉम्बैट रोबोट वाहन है। इसमें मशीन गन, एंटी-टैंक मिसाइलें और ग्रेनेड लांचर लगे होते हैं। उरान-9 के अलावा रूस के पास नरेखता भी है। नरेखता एक छोटा मानवरहित ग्राउंड व्हीकल है जिसे खुफिया जानकारी इकट्ठा करने, हथियार ढोने और युद्धक्षेत्र में दुश्मन पर हमला करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। इसके अलावा रूस के पास सोरातनिक भी है। यह एक मल्टी-फंक्शनल रोबोट वाहन है जिसे टोही मिशनों, एस्कॉर्टिंग और युद्धक अभियानों में लगाया जाता है।