UNSC में फिर पाकिस्तान के साथ खुलकर खड़ा हुआ चीन, बलूचिस्तान के खिलाफ इस प्रस्ताव को दिया समर्थन

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पाकिस्तान ने बलूचिस्तान लिब्रेशन आर्मी (बीएलए) और उसकी ब्रिगेड के खिलाफ संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में एक प्रस्ताव लेकर आया, जिसमें चीन ने भी उसका साथ दिया।

संयुक्त राष्ट्र: पाकिस्तान और चीन ने एक बार फिर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) में एकजुटता दिखाई है। दोनों देशों ने बलूचिस्तान के खिलाफ एक प्रस्ताव पेश किया है, जिसमें बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी (बीएलए) और उसकी तथाकथित आत्मघाती इकाई मजीद ब्रिगेड को आतंकवादी संगठन घोषित करने की मांग की गई है। यह वही चीन है, जो संयुक्त राष्ट्र में जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा जैसे आतंकवादी संगठनों के आकाओं के खिलाफ भारत द्वारा लाए गए प्रस्ताव पर यूएनएससी में कई बार वीटो पॉवर लगा चुका है।

पाकिस्तान ने आतंक का ठीकरा अफगानिस्तान पर फोड़ा

पाक और चीन ने बीएलए और उसकी आत्मघाती इकाई को परिषद की 1267 अल-कायदा प्रतिबंध समिति के तहत आतंकवादी संगठन घोषित करने की मांग की है। संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान के स्थायी प्रतिनिधि राजदूत आसिम इफ्तिखार अहमद ने बुधवार को कहा कि इस्लामिक स्टेट-खोरासन (आईएसआईएल-के), अल-कायदा, तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान, ईस्ट तुर्किस्तान इस्लामिक मूवमेंट, बीएलए और मजीद ब्रिगेड जैसे आतंकवादी संगठन अफगान ठिकानों से संचालित हो रहे हैं। उन्होंने बताया कि अफगानिस्तान में 60 से अधिक आतंकवादी शिविर सक्रिय हैं, जो सीमा पार हमलों के लिए आधार केंद्र का काम कर रहे हैं।

जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-तैयबा पर चुप्पी

पाकिस्तान की धरती से चल रहे जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-तैयबा जैसे आतंकवादियों पर चीन और पाक दोनों ने चुप्पी साथ रखी थी। जबकि दोनों ही देश बीएलए और उसकी ब्रिगेड के खिलाफ प्रस्ताव लेकर आए, जिसमें उसे आतंकवादी संगठन घोषित करने की मांग उठाई है। अहमद ने अफगानिस्तान में स्थिति पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक में कहा, ‘‘पाकिस्तान और चीन ने संयुक्त रूप से 1267 प्रतिबंध समिति में बीएलए और मजीद ब्रिगेड को सूचीबद्ध करने का अनुरोध किया है। पाकिस्तान 2025 में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की 1988 तालिबान प्रतिबंध समिति की अध्यक्षता कर रहा है और आतंकवाद रोधी समिति का उपाध्यक्ष भी है। अहमद ने कहा कि अफगान तालिबान प्रशासन को आतंकवाद-रोधी अंतरराष्ट्रीय दायित्वों का पालन करना होगा।

क्या है मजीद ब्रिगेड

मजीद ब्रिगेड की स्थापना 2011 में हुई थी। पाकिस्तान इसे बीएलए की आत्मघाती इकाई कहता है। पाकिस्तान का दावा है कि यह मुख्यतः पाक सुरक्षा बलों और चीनी हितों को निशाना बनाती है। पिछले महीने, अमेरिका ने भी बीएलए और मजीद ब्रिगेड को विदेशी आतंकवादी संगठन (एफटीओ) के रूप में सूचीबद्ध किया था। अमेरिकी विदेश विभाग के मुताबिक, 2024 में बीएलए ने कराची हवाई अड्डे और ग्वादर पोत प्राधिकरण परिसर के पास आत्मघाती हमलों की जिम्मेदारी ली थी। उसने 2025 में जाफर एक्सप्रेस ट्रेन को हाइजैक करने की जिम्मेदारी भी ली थी, जो क्वेटा से पेशावर जा रही थी। इस घटना में 31 नागरिक और सुरक्षा कर्मी मारे गए थे और 300 से अधिक यात्रियों को बंधक बना लिया गया था।

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