अमेरिका, दक्षिण कोरिया और जापान शक्ति प्रदर्शन करते हुए संयुक्त सैन्य अभ्यास कर रहे हैं। उत्तर कोरिया ने इस संयुक्त अभ्यास पर गहरी नाराजगी जताई है।

सियोल: अमेरिका, दक्षिण कोरिया और जापान ने सोमवार को दक्षिण कोरिया के एक द्वीप के पास वायु और नौसैनिक अभ्यास शुरू किया है। उत्तर कोरिया ने इस संयुक्त युद्धाभ्यास की निंदा करते हुए इसे ‘लापरवाह शक्ति प्रदर्शन’ बताया है। दक्षिण कोरिया के रक्षा मंत्रालय ने कहा कि ‘फ्रीडम एज’ नाम का यह अभ्यास समुद्र, वायु और साइबर क्षेत्र में तीनों देशों की संयुक्त क्षमता को मजबूत करने के उद्देश्य से किया जा रहा है। यह उत्तर कोरिया के बढ़ते परमाणु और मिसाइल खतरों का मुकाबला करने के लिए आवश्यक है।
कब तक चलेगा अभ्यास?
अमेरिकी हिंद-प्रशांत कमांड ने बताया कि इस अभ्यास में अमेरिकी मरीन और वायुसेना के हवाई उपकरण शामिल होंगे। इसमें उन्नत बैलिस्टिक मिसाइल, एयर डिफेंस अभ्यास, मेडिकल तैयारी और समुद्री अभियानों का प्रशिक्षण होगा। इसे अब तक का सबसे उन्नत त्रिपक्षीय रक्षा सहयोग अभ्यास बताया गया है। यह अभ्यास दक्षिण कोरिया के दक्षिणी जेजू द्वीप के पास शुक्रवार तक चलेगा।
‘बुरे नतीजे लाएगा अभ्यास’
उत्तर कोरियाई नेता किम जोंग उन की बहन किम यो जोंग ने सरकारी मीडिया में इन अभ्यासों की आलोचना की है। उन्होंने कहा कि ‘उत्तर कोरिया के आसपास किया गया यह लापरवाह शक्ति प्रदर्शन अंत में उनके लिए ही बुरे नतीजे लाएगा।’ किम यो जोंग ने अमेरिका और दक्षिण कोरिया के हालिया आयरन मेस टेबलटॉप अभ्यास की भी आलोचना की। उन्होंने कहा कि उत्तर कोरिया इस तरह के संयुक्त सैन्य अभ्यासों के जवाब में हथियार परीक्षण किए हैं।
उत्तर कोरिया ने दी थी धमकी
इस बीच यहां यह भी बता दें कि, अमेरिका और दक्षिण कोरिया के संयुक्त सैन्य अभ्यास के लेकर उत्तर कोरिया पहले भी कई बार विरोध जता चुका है। हाल ही में उत्तर कोरिया ने धमकी देते हुए यहां तक कह दिया था कि अगर अमेरिका की ओर से दक्षिण कोरिया में लंबी दूरी के बमवर्षक विमान उड़ाए गए तो जवाबी कार्रवाई की जाएगी। उत्तर कोरिया का मानना है कि अमेरिका और दक्षिण कोरिया इस प्रकार का सैन्य अभ्यास उस पर हमले की तैयारी के लिए करते हैं।
क्या कहता है उत्तर कोरिया?
अमेरिका और दक्षिण कोरिया नियमित रूप से संयुक्त सैन्य अभ्यास करते रहे हैं। संयुक्त सैन्य अभ्यास को लेकर दोनों देशों का कहना है कि यह सुरक्षा के लिए है। भले ही अमेरिका और दक्षिण कोरिया की ओर से कुछ भी कहा जाता रहा हो लेकिन, उत्तर कोरिया इसे आक्रमण के अभ्यास के तौर पर देखता है। अमेरिका और अन्य पश्चिमी देश मिसाइल और हथियारों के निर्माण संबंधी उत्तर कोरिया के प्रयासों को क्षेत्र के लिए गंभीर खतरे के रूप में देखते हैं। वहीं, उत्तर कोरिया अपने परमाणु जखीरे को आधुनिक बनाने के प्रयासों में जुटा है।