गैंगरेप मामले में आशीष कपूर को मिली जमानत, तीस हजारी कोर्ट ने सुनाया फैसला

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टीवी एक्टर आशीष कपूर को पिछले महीने दिल्ली में एक हाउस पार्टी के दौरान एक महिला द्वारा बलात्कार के आरोप के बाद 3 सितंबर, 2025 को गिरफ्तार किया गया था। अब दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट ने आशीष को जमानत दे दी।

‘सरस्वतीचंद्र’, ‘देखा एक ख्वाब’ और ‘मोल्की-रिश्तों की अग्निपरीक्षा’ जैसे धारावाहिकों में अपने अभिनय के लिए मशहूर टेलीविजन एक्टर आशीष कपूर को पिछले महीने दिल्ली में एक हाउस पार्टी के दौरान एक महिला द्वारा बलात्कार का आरोप लगाने के बाद 3 सितंबर, 2025 को गिरफ्तार किया गया था। एएनआई के अनुसार, शुक्रवार, 10 सितंबर, 2025 को दिल्ली की तीस हज़ारी कोर्ट ने आशीष को जमानत दे दी, लेकिन एक्टर को कुछ शर्तों का पालन करना होगा।

तीस हजारी कोर्ट का फैसला

जमानत देते हुए अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश भूपिंदर सिंह ने कहा, ‘इस प्रकार उपरोक्त टिप्पणियों और चर्चाओं, अदालत के संज्ञान में लाए गए तथ्यों और परिस्थितियों, विशेष रूप से यह देखते हुए कि दिल्ली का स्थायी निवासी होने और उसका बेदाग इतिहास होने के कारण, अब जांच के लिए आरोपी की आवश्यकता नहीं है, मुझे जमानत याचिका में दम नजर आता है और तदनुसार इसे स्वीकार किया जाता है।’

गैंगरेप मामले फंसे आशीष कपूर

पुलिस ने आशीष के लिए पांच दिन की निजी हिरासत (पीसी) की मांग की थी, लेकिन मध्य जिले के प्रथम श्रेणी न्यायिक मजिस्ट्रेट ने उन्हें केवल चार दिन की अनुमति दी। हालांकि, उसे केवल तीन दिन में ही अदालत में पेश कर दिया गया। अदालत ने जांच में खामियों की ओर इशारा किया। अदालत ने कहा, ‘निजी हिरासत (पीसी) रिमांड पर लिए जाने के बावजूद, मोबाइल फोन बरामद करने के लिए कोई गंभीर प्रयास नहीं किए गए। कानून के अनुसार, कोई तलाशी नहीं ली गई। रिकॉर्ड में ऐसा कुछ भी नहीं है कि अभियुक्त ने जांच में सहयोग नहीं किया।’

आशीष कपूर को इन शर्तों का करना होगा पालन

आशीष को जमानत मिल गई है, लेकिन उन्हें कुछ शर्तों का पालन करना होगा। एक्टर को एक लाख रुपये के जमानत बांड पर हस्ताक्षर करने के लिए कहा गया है। उन्हें अपने मोबाइल फोन की लोकेशन हमेशा चालू रखने को कहा है। आशीष ने अभी तक इस मामले पर कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है।

क्या है सामूहिक बलात्कार मामला

अपने बयान में पीड़िता ने आगे कहा था कि शराब पीने के बाद उन्हें बिल्कुल अच्छा नहीं लग रहा था। उसने आरोप लगाया कि फिर वे लोग उसे एक शौचालय में ले गए जहां उन्होंने सामूहिक बलात्कार किया और घटना की रिकॉर्डिंग करते हुए उसके साथ मारपीट की। महिला ने आगे दावा किया कि आरोपियों ने पुलिस को सूचित करने पर वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल करने की धमकी भी दी थी। पीड़िता की शिकायत के आधार पर 11 अगस्त को सिविल लाइंस पुलिस स्टेशन में भारतीय न्याय संहिता की धारा 64 (बलात्कार के लिए दंड) के तहत एक प्राथमिकी दर्ज की गई।

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