ट्रेडिशनल जेईई एडवांस्ड परीक्षा के रास्ते को बाईपास कर आईआईटी-कानपुर ने पांच छात्रों को अपने बैचलर ऑफ साइंस (बीएस) और बैचलर ऑफ टेक्नोलॉजी (बीटेक) कार्यक्रमों में प्रवेश दिया है।

IIT में दाखिला लेना इंजीनियरिंग की चाह रखने वाले लगभग हर छात्र की पहला पसंद होती है। लेकिन इसके लिए जेईई मेंस और एडवांस्ड को बेहतरीन अंकों के साथ क्लियर करना बेहद जरूरी होती है। इस वर्ष IIT कानपुर ने को बीटेक और बीएस प्रोग्राम में 5 स्टूडेंट्स को ओलंपियाड के माध्यम से एडमिशन दिया है। INDIA TODAY में छपी एक रिपोर्ट के अनुसार, आईआईटी कानपुर ने संयुक्त प्रवेश परीक्षा (जेईई) एडवांस्ड को बाईपास(Bypass) कर ओलंपियाड के माध्यम से सत्र 2024-25 में अपने बीटेक और बीएस कार्यक्रमों में पांच छात्रों को दाखिला दिया है। सभी पांचों छात्रों ने कंप्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग (सीएसई) को चुना है।
रिपोर्ट के अनुसार, चुने गए छात्रों में से दो छात्र अंतर्राष्ट्रीय सूचना विज्ञान ओलंपियाड प्रशिक्षण केम्प (आईओआईटीसी) से संबंधित थे, और तीन छात्र अंतर्राष्ट्रीय गणितीय ओलंपियाड प्रशिक्षण केम्प (आईएमओटीसी) से संबंधित थे। हालांकि, संस्थान ने उनके नाम या व्यक्तिगत पृष्ठभूमि जारी नहीं की है, लेकिन पुष्टि की है कि चयन ओलंपियाड में प्रदर्शन, प्रशिक्षण शिविरों में उपस्थिति और जेईई एडवांस के तुलनीय स्तर पर स्थापित पात्रता मानकों के पालन के आधार पर किया गया था।
पांचों छात्रों ने सीएसई का ऑफ्शन चुना
बता दें कि ओलंपियाड-आधारित प्रवेश पांच विभागों में उपलब्ध था: कंप्यूटर विज्ञान एवं इंजीनियरिंग, गणित एवं सांख्यिकी, अर्थशास्त्र विज्ञान, जैविक विज्ञान एवं जैव अभियांत्रिकी, और रसायन विज्ञान। हालांकि, सभी पांचों छात्रों ने सीएसई का विकल्प चुना।
वर्तमान में ऐसा प्रवेश चुनिंदा बीटेक और बीएस कार्यक्रमों तक सीमित
अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि ओलंपियाड में प्रवेश पाने वालों को कोई विशेष शैक्षणिक सहायता नहीं दी जाएगी। उन्हें सीधे नियमित पाठ्यक्रम में शामिल कर दिया जाएगा और वे जेईई एडवांस्ड के माध्यम से प्रवेश पाने वाले अन्य छात्रों के साथ अध्ययन करेंगे। मौजूदा समय में, यह प्रवेश मार्ग कुछ चुनिंदा बीटेक और बीएस कार्यक्रमों तक सीमित है।
ऐसे होता है चयन
ओलंपियाड में प्राप्त उपलब्धियों के आधार पर उम्मीदवारों का चयन किया जाता है। इसके बाद शॉर्टलिस्ट किए गए उम्मीदवारों को एक अनिवार्य लिखित परीक्षा और संभावित रूप से साक्षात्कार का सामना करना होता है, जिसमें अंतिम चयन विभाग-स्तरीय समिति द्वारा किया जाता है। संस्थान के अनुसार, यह संरचना यह सुनिश्चित करती है कि प्रवेश पाने वाले छात्रों की शैक्षणिक योग्यता उनके जेईई उत्तीर्ण समकक्षों के समान हो।