फिर खुलेंगे जम्मू में विद्यालय, स्कूल शिक्षा निदेशालय ने दिया ये आदेश

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स्कूल शिक्षा निदेशालय जम्मू ने संस्थानों के प्रमुखों को निर्देश दिया है कि वे स्कूलों को फिर से खोलने के लिए तैयारियां सुनिश्चित करें और 10 सितंबर से ऑफलाइन कक्षाओं को फिर से शुरू करने पर उचित निर्णय लें।

स्कूल शिक्षा निदेशालय जम्मू ने संस्थानों के प्रमुखों को निर्देश दिया है कि वे स्कूलों को फिर से खोलने के लिए तैयार रहें और 10 सितंबर से ऑफलाइन कक्षाएं फिर से शुरू करने पर उचित निर्णय लें। निदेशालय ने स्कूलों को फिर से खोलने के संबंध में निर्देशों का एक आदेश जारी किया है। आदेश में सभी संस्थानों के प्रमुखों और कर्मचारियों को सोमवार को ड्यूटी पर रिपोर्ट करने और स्कूल भवनों की व्यापक सुरक्षा ऑडिट सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया है।

संस्थानों के प्रमुखों को 10 सितंबर से ऑफलाइन कक्षाएं फिर से शुरू करने के संबंध में उचित निर्णय लेने का निर्देश दिया गया है। आदेश में कहा गया है, “संबंधित मुख्य शिक्षा अधिकारी दिन-प्रतिदिन की गतिविधियों की निगरानी करेंगे और इस कार्यालय को एक विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करेंगे। सभी संबंधितों को निर्देश दिया जाता है कि वे निर्देशों का समय पर अक्षरशः अनुपालन सुनिश्चित करें।” बता दें कि 26 अगस्त से भारी बारिश, अचानक बाढ़ और भूस्खलन ने इलाके में बड़े पैमाने पर नुकसान पहुंचाया है, जिस कारण पिछले 11 दिनों से जम्मू में स्कूल बंद हैं।

अधिकतर क्षेत्रों में बाढ़ की स्थिति में सुधार

बता दें कि बेहतर मौसम के चलते कश्मीर घाटी में नदियों के जलस्तर में कमी आने से अधिकतर क्षेत्रों में बाढ़ की स्थिति में बीते शुक्रवार को सुधार हुआ। पिछले कुछ घंटे में घाटी में बहुत ही कम बारिश हुई और झेलम नदी तथा अन्य जल स्रोतों का जलस्तर खतरे के निशान से नीचे आ गया है। अनंतनाग जिले के संगम और श्रीनगर के राम मुंशीबाग में झेलम नदी का जलस्तर खतरे के निशान से नीचे है। 

घाटी के अन्य इलाकों में भी जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर है, लेकिन लगातार कम हो रहा है। झेलम नदी की सभी सहायक नदियां खतरे के निशान से नीचे बह रही हैं और किसी भी हिस्से में टूट-फूट की सूचना नहीं मिली है। बाढ़ प्रभावित इलाकों में जलस्तर कम हो रहा है, लेकिन कुछ जगहों पर स्थिति अभी भी गंभीर बनी हुई है। अधिकारियों के अनुसार, आवश्यक सावधानी बरतते हुए प्रभावित स्थानों से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित किया जा रहा है। अनंतनाग जिले में बाढ़ के बाद मिट्टी कटाव से कई स्थानों पर नदी के किनारे बनी संरचनाएं क्षतिग्रस्त हुई हैं

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