रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भारत के स्वदेशी जेट इंजन प्रोजेक्ट का ऐलान किया और कहा कि इसकी तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। इसके साथ ही उन्होंने आत्मनिर्भरता और भारत की बढ़ती रक्षा क्षमता पर जोर दिया।

नई दिल्ली: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शनिवार को एक कार्यक्रम में ऐलान किया कि भारत जल्द ही एक शक्तिशाली स्वदेशी जेट इंजन बनाएगा। उन्होंने कहा कि इस महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट की तैयारियां लगभग पूरी हो चुकी हैं और जल्द ही इसका काम सबके सामने होगा। रक्षा मंत्री ने कहा कि आज के दौर में आतंकवाद, क्षेत्रीय संघर्ष और ट्रेड वॉर जैसी चुनौतियों के बीच भारत की सेना विदेशी आपूर्ति पर निर्भर नहीं रह सकती।
‘भारत किसी से दुश्मनी नहीं चाहता है’
राजनाथ सिंह ने कहा, ‘आत्मनिर्भरता हमारी स्ट्रैटेजिक ऑटोनॉमी की रक्षा के लिए जरूरी है। भारत न तो किसी से दुश्मनी चाहता है और न ही अपने हितों से समझौता करेगा। हमारा पहला लक्ष्य है अपने लोगों, किसानों और छोटे व्यवसायियों का भला।’ उन्होंने बिना किसी देश का नाम लिए कहा कि कई विकसित देश संरक्षणवादी नीतियां अपना रहे हैं, जिससे व्यापार और टैरिफ युद्ध की स्थिति गंभीर हो रही है। राजनाथ सिंह ने जोर देकर कहा कि दुनिया जितना दबाव डालेगी, भारत उतना ही मजबूत होकर उभरेगा।
राजनाथ ने ‘सुदर्शन चक्र’ का किया जिक्र
रक्षा मंत्री ने ‘सुदर्शन चक्र’ नामक एक नई एयर डिफेंस सिस्टम का जिक्र किया, जो अगले 10 सालों में देश की सभी महत्वपूर्ण इमारतों और स्थानों को पूरी सुरक्षा देगी। यह सिस्टम रक्षात्मक और आक्रामक दोनों तरह की ताकत से लैस होगा, जो दुश्मन के किसी भी खतरे से निपट सकती है। सिंह ने बताया कि रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) ने 23 अगस्त को एक स्वदेशी एयर डिफेंस सिस्टम का सफल परीक्षण किया, जो एक साथ 3 लक्ष्यों को भेद सकती है। राजनाथ सिंह ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ का उदाहरण देते हुए कहा कि यह भारत की बढ़ती स्वदेशी रक्षा क्षमताओं का शानदार नमूना है। उन्होंने कहा, ‘इस ऑपरेशन में भारत की जीत और पाकिस्तान की हार सिर्फ कुछ दिनों की कहानी नहीं है। इसके पीछे सालों की रणनीतिक तैयारी और स्वदेशी उपकरणों पर भरोसा है।’
अर्थव्यवस्था की नई ताकत बना डिफेंस सेक्टर
राजनाथ सिंह ने बताया कि डिफेंस सेक्टर अब न केवल देश की सुरक्षा का आधार है, बल्कि यह अर्थव्यवस्था को मजबूत करने का भी एक बड़ा साधन बन गया है। उन्होंने कहा, ‘आज डिफेंस सेक्टर सिर्फ सीमाओं की हिफाजत या लोगों की सुरक्षा तक सीमित नहीं है। यह हमारी पूरी अर्थव्यवस्था की रक्षा और सुरक्षा का जिम्मेदार क्षेत्र बन चुका है।’ उन्होंने यह भी कहा कि भारत अब रक्षा उपकरणों का इम्पोर्टर नहीं, बल्कि एक्सपोर्टर बन गया है। 2014 में जहां भारत का रक्षा निर्यात 700 करोड़ रुपये से कम था, वहीं 2025 में यह बढ़कर करीब 24,000 करोड़ रुपये हो गया है। उन्होंने कहा, ‘यह सफलता न सिर्फ सरकारी कंपनियों की है, बल्कि निजी क्षेत्र, स्टार्टअप्स और उद्यमियों का भी बड़ा योगदान है।’
‘रक्षा क्षेत्र में बाहरी निर्भरता अब कोई विकल्प नहीं’
रक्षा मंत्री ने बताया कि देश में रक्षा उत्पादन 1.5 लाख करोड़ रुपये को पार कर चुका है, जिसमें 25 फीसदी हिस्सा निजी क्षेत्र का है। उन्होंने कहा, ‘डिफेंस सेक्टर अब सिर्फ खर्चा नहीं, बल्कि डिफेंस इकोनॉमिक्स है। यह रोजगार, इनोवेशन और औद्योगिक विकास का इंजन है।’ राजनाथ सिंह ने जोर देकर कहा कि बदलते वैश्विक हालात में रक्षा क्षेत्र में बाहरी निर्भरता अब कोई विकल्प नहीं है। उन्होंने कहा, ‘आत्मनिर्भरता हमारी अर्थव्यवस्था और सुरक्षा दोनों के लिए जरूरी है। जब एक युवा, ऊर्जावान और तकनीकी रूप से सक्षम देश आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ता है, तो पूरी दुनिया रुककर उसका सम्मान करती है।’ (PTI)